नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को खामियों में कमी लाने के लिए आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर में पर्याप्त निवेश करने को कहा है। रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक के बाद शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह बात कही है। शक्तिकांत दास ने कहा कि जब भी कोई टेक्निकल रुकावट आती है, तो समस्या एनपीसीआई और यूपीआई में नहीं होती, बल्कि बैंकों की समस्याएं होती हैं। इसके कई कारण हैं, जिनसे हम निपट रहे हैं। हाल ही में आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर सुपरवाइजरी कंसर्न का हवाला देते हुए ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी थी। आरबीआई ने कोटक बैंक पर ये प्रतिबंध किसी भी संभावित लंबे समय तक रुकावट को रोकने के लिए लगाए हैं। रुकावटों से न केवल बैंक की अच्छी कस्टमर सर्विस प्रोवाइड करने की क्षमता पर, बल्कि डिजिटल बैंकिंग और पेमेंट सिस्टम्स के फाइनेंशियल इकोसिस्टम पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
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